Friday, February 17, 2012

सफ़े से हाशिया उड़ा देंगे...



माहौल बड़ा गरम है..
चुनाव का मौसम है
नेता थोड़ा नरम है
पर ये जनता का भरम है 
पार्टी की छवि सुधारेंगे 
कुछ छापे, थोड़ी धड पकड़,
कुछ हत्याएं करवाएँगे
विरोधी पार्टी की रैली पर 
डंडे बरसवाएंगे    
६५ वर्षों की गलतियों पर 
खूब परदे डलवायेंगे
बात से गर जीत ना पाए
बतकही से जीत जायेंगे 
ये हथकंडा गर काम न आया 
खुद पर हमला करवा देंगे 
और इल्जाम विपक्ष पर लगा
नानी याद दिलवा देंगे 
तब भी गर बात न बनी
दो-चार दुर्घटना करवा देंगे 
मेरी कुर्सी बचनी चाहिए 
सबको हाशिये पे ला देंगे
और जीत कर हम जब संसद आयें
सफ़े से हाशिया उड़ा देंगे...